पुस्तक विमर्श – यादों का कारवाँ [रुस्तम सैटिन स्मृति अंक] वीरेन्द्र जैन
Posted in: किताब समीक्षापुस्तक विमर्श – यादों का कारवाँ [रुस्तम सैटिन स्मृति अंक] वीरेन्द्र जैन पिछले दिनों एक संयोग घटित हुआ। जनसत्ता में महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र श्री लक्ष्मीधर मालवीय संस्मरण लिख रहे थे। उनमें से एक संस्मरण में उन्होंने रुस्तम सैटिन की चर्चा की जिनके छात्र जीवन में किये जा रहे स्वतंत्रता आन्दोलनों से प्रभावित […]