हिटलर और मोदी: साम्यताएं महज संयोग हैं क्या
Posted in: Uncategorized–अनिल यादव- मानव का स्वभाव है कि वह किसी चीज को किसी परिप्रेक्ष्य में रखकर ही पहचान सकता है, उसे पूरी तरह समझ सकता है। अब तो सापेक्षता विज्ञान की भी स्वीकृत धारणा है। कोई चीज किसी संदर्भ में ही मोटी-पतली या अच्छी-बुरी होती है। अगर इसी बात को दूसरे शब्दों में कहा जाये तो […]